Narak Chaturdashi: 2022 के दिन दस काम करें व 10 काम न करें

नरक चतुर्दशी इस साल 2022 में 23 अक्टूबर दिन रविवार मनाई जाएगी। इस दिन को छोटी दीपावली, नरक चौदस, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी, नरका पूजा और काली चतुर्दशी भी कहा जाता है।

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है, क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।

इसलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन यमराज और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं, नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा।

नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर और श्रीकृष्ण से संबंधित है पौराणिक कथा


नरक चतुर्दशी को नरका चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस पर्व के महत्व को बताने के लिए बहुत सारी कथाएं प्रचलित है। जिसमें से एक कथा श्रीकृष्ण से भी संबंधित है।

श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार नरकासुर नामक राक्षस ने अपनी शक्ति से देवी-देवताओं और मनुष्यों को परेशान किया हुआ था। असुर ने कई संतों के अलावा 16 हजार एक सौ औरतों को बंदी भी बनाकर रखा था। उसके बढ़ते अत्याचार को देखते हुए देवताओं और ऋषि-मुनियों ने भगवान श्रीकृष्ण की पास गए और बोले कि इस नरकासुर का अंत कर पृथ्वी से पाप का भार कम करें।

इसके बाद भगवान कृष्ण ने देवताओं को आश्वस्त किया। परंतु नरकासुर को एक स्त्री के हाथों मरने का श्राप था। इसी वजह से भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया और उनकी मदद से नरकासुर का वध कर दिया। जिस दिन नरकासुर का अंत हुआ था उसी दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी।

नरक चतुर्दशी के दिन क्या करें और क्या न करें

नरक चतुर्दशी के दिन को छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस सहित अन्य नामों से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन आप को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इस बात की जानकरी होनी चाहिए।

नरक चतुर्दशी के दिन चार मुख वाली दीया दक्षिण दिशा में जलाने से नर्क की यातनाओं से आप और आपके पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। चलिए अब हम जानते हैं नरक चतुर्दशी के दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या न करना चाहिए।

नरक चतुर्दशी को यह काम जरूर करें

1.नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सूर्योदय से पहले उठकर पूरे शरीर में तिल के तेल से मालिस कर गंगा जल मिलाकर स्नान अवश्य करनी चाहिए। अगर संभव हो तो नदी या तालाब मैं स्नान करें। ऐसा करने से आपके सौंदर्य और रूप में निखार आने के अलावा आयु बढ़ती है।


2. नरक चतुर्दशी के दिन आप और आपके पूरे परिवार के लोगों को संध्या समय तुलसी के पौधे की जड़ की मिट्टी को अपने सिर पर से घूमाएं और अपने माथे पर लगाकर घर के बाईं तरफ फेंक दें।


3.नरक चतुर्दशी के दिन गंगा जल मिले पानी से स्नान कर साफ सुथरे वस्त्र पहनकर तैयार हो जाएं। इसके बाद चंदन या रोली से अपने माथे पर टीका लगा लें। इसके बाद दक्षिण दिशा की और मुंह करके पीतल या तांबे के पात्र में तिल और जल मिला लें। इसके बाद तीन बार अपनी अंजूली से मिला हुआ जल भरकर यमराज को तर्पण करें।


4. नरक चतुर्दशी के दिन गौशाला, पेड़ों के बगीचा, नदी के तट पर, आम वृक्ष के नीचे, तुलसी पेड़ के नीचे, मंदिर में, रसोई घर में, पीपल, बरगद और आंवला वृक्ष के नीचे सहित अन्य स्थानों पर दीया अवश्य जलाएं।


5.यमराज को तिल मिश्रित जल से तर्पण करने के बाद चार मुंह वाले दीया को दक्षिण दिशा में जलाएं। साथ ही यमराज से प्रार्थना करे कि हम और हमारे परिवार के सभी सदस्यों को सभी पापों से मुक्ति मिले। इसके लिए प्रार्थना करें और क्षमा मांगें।


6.नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार सहित सभी द्वारों के दोनों ओर तिल तेल या घी का दीया जरूर जलाएं। ऐसा करने से आपके घर में अकाल मृत्यु नहीं होगी और माता लक्ष्मी का आगमन होगा।

7. नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर की पूरी तरह से सफाई करनी चाहिए। खासकर दक्षिण दिशा को अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।

8.नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा आवश्य करने चाहिए। पूजा करने से रूप, सौंदर्य, धन और वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण का पूजा नरक चतुर्दशी के दिन जरूर करनी करें।


9.नरक चतुर्दशी के दिन वीर हनुमान की भी पूजा की करनी चाहिए। पूजा करने से सभी प्रकार के दोषों से बच जायेंगे। इस दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान जी की पूजन विधि विधान से जरूर करना चाहिए।

10. नरक चतुर्दशी के दिन अपने आस-पास के मंदिरों में जाकर दीया जरूर जलाएं।

क्यों न करें चतुर्दशी के दिन यह काम

1. नरक चतुर्दशी के दिन किसी भी जीव-जंतुओं की हत्या न करें। कारण इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। ऐसा आप करने पर यमराज आपसे नाराज हो जाते हैं।

2. नरक चतुर्दशी के दिन जिन जातकों के पिता जिंदा हैं वैसे लोग भूलकर भी तिल और जल से यमराज देवता का तर्पण नहीं करें।

3. नरक चतुर्दशी के दिन घर के दक्षिण दिशा को भुलाकर गंदा न करें और न ही उसे गंदा रखें। गंदगी रखने से आप और आपके परिवार से यमराज नाराज होकर चले जायेंगे और आपको उनका आर्शीवाद प्राप्त नही होगा। ऐसा करने से आपके पितर भी नाराज हो जाएंगे।

4.नरक चतुर्दशी के दिन तेल और तिल का दान किसी को भी भुलाकर न करें। कारण ऐसा करने से आपके घर से मां लक्ष्मी रूठकर चली जाएंगी।

5. नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय के पहले उठें। सूर्योदय के बाद उठने से आपके पुण्य का फल खत्म हो जाएगा।

6. नरक चतुर्दशी के दिन खासकर महिलाओं को अपने पति और घर के बड़े बुजुर्गों की बात अवश्य माननी चाहिए।

7. नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी मासाहार, शराब, जुआ और किसी प्रकार का अनैतिक कार्य नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको नर्क की यातनाएं झेलनी पड़ेगी।

8. नरक चतुर्दशी के दिन मदिरा पान, भांग सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका स्वास्थय कभी भी ठीक नही रहेगा।

9. नरक चतुर्दशी के दिन झाडू को अपने पैरों से न मारें और न हीं झाडू को आड़ा तिरछा या खड़ा करके नहीं रखें। क्योंकि ऐसा करने से माता लक्ष्मी का अपमान होता है।

10. नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी अपनी पत्नी सहित किसी के साथ शारीरीक संबंध न बनाएं। यदि आप ऐसा करते हैं तो पति-पत्नि सहित जिसके साथ संबंध बनाये है सभी को नर्क की यातनाएं भोगनी पड़ेगी।


डिसक्लेमर

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