ग्रहों की शांति कैसे करें जानें गरूड़ पुराण से।
हर ग्रहों की तासीर मिलेगी इस लेख से।
मनुष्य के जीवन काल में ग्रहों की स्थिति उसकी दैनिक जीवन को प्रभावित करती है। साथ ही भविष्य में सुख-शांति और दुःख की स्थिति लाने का काम करती है। हमारे जीवन में नौग्रह विशेष महत्व रखते हैं। इन ग्रहों की शांति के लिए लोग भिन्न-भिन्न प्रकार के पत्थरों से निर्मित अंगुठी पहनते हैं। कुछ लोग पूजा पाठ और हवन करातें हैं।
नौग्रहों की होती है नौ धातूओं की प्रतिमाएं
लक्ष्मी और सुख शांति के इच्छुक तथा ग्रहों की दृष्टि से दुखित जानों को ग्रह शांति के लिए ताम्र संबंधी यज्ञ करना चाहिए। विद्वानों के द्वारा सूर्य, सोम (चन्द्रमा), मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु, ये नौ ग्रह बताए गए हैं।
नौग्रहों की पूजा अर्चना के लिए इनकी मूर्तियां क्रमशः इन द्रव्यों से बनानी चाहिए। ताम्र, स्फटिक, रक्तचंदन, स्वर्ण, रजत, लोहा, सीसा और कांस्य। अर्थात सूर्य ग्रह के लिए ताम्र धातु, चंद्र ग्रह के लिए स्फटिक, मंगल के लिए रक्तचंदन, बुध ग्रह और बृहस्पति ग्रह के लिए स्वर्ण, शुक्र के लिए रजत, शनि ग्रह के लिए लोहा, राहु ग्रह के लिए सीसा और केतु के लिए कांस्य से निर्मित प्रतिमाएं बनानी चाहिए।
कौन से ग्रहों के लिए कौन से वस्त्र चाहिए
सूर्य का वर्ण लाल है। चंद्रमा का सफेद, मंगल का लाल, बुध और वृहस्पति ग्रह का पीला, शुक्र का श्वेत, शनि, राहु और केतु का काला वर्ण होता है। इसी वर्ण के इनके द्रव्य भी होते हैं। एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर नौ ग्रहों के अनुसार निर्दिष्ट द्रव्यों द्वारा विधिपूर्वक उनकी स्थापना तथा पूजा होम करना चाहिए। इसके बाद उन्हें सुवर्ण, वस्त्र तथा पुष्प अर्पित करें। इसके इसके लिए गंध, बलि, धूप और गुग्गुल भी देना चाहिए। तत्पश्चात मंत्रों द्वारा प्रत्येक ग्रह देवताओं को निमित्य चरू पदार्थ अर्पित करना चाहिए। इसके बाद यथा क्रम के अनुसार मंत्रों द्वारा प्रत्येक ग्रहों की शांति के लिए जाप करें।
नवग्रह लकड़ियों से करें हवन
इन ग्रहों के लिए इसी क्रमानुसार मांदर, पलाश, खैर, चिचड़ा, पीपल, गूलर, शमी, दुर्वा और कुश की लकड़ियां इकट्ठा करें इन सभी को धी, दही और मधु में मिश्रित कर इनसे हवन करना चाहिए। तदुपरांत क्रमानुसार उपयुक्त मंत्रों द्वारा इन पदार्थों की आपूर्ति प्रदान करें।
इसके बाद सूर्य के लिए गुड़, चद्रमा के लिए भात, मंगल के लिए खीर, बुध के लिए साठी चावल की खीर, वृहस्पति के लिए दही भात, शुक्र के लिए धी, शनि के लिए पुआ, राहु के लिए फलों का गुदा और केतु के लिए विभिन्न प्रकार के पके हुए खाद्य-पदार्थों की आहूति देने चाहिए।
ग्रह शांति के लिए करें वस्तु दान
लोगों को चाहिए कि ग्रहों के पूजा और हवन के उपरांत यथा शक्ति दक्षिणा देना चाहिए। मसलन सूर्य के लिए धेनु, चंद्रमा के लिए शंख, मंगल के लिए बैल, बुध के लिए स्वर्ण, वृहस्पति के लिए वस्त्र, शुक्र के लिए अश्व (घोड़ा), शनि के लिए काली गाय, राहु के लिए शास्त्र तथा केतु के लिए बकरी की दान दक्षिणा देनी चाहिए।