अक्षय तृतीया को 14 माई को ? अमृत मुहूर्त में करें सिंदूर दान


14 मई 2021 को पड़ने वाले अक्षय तृतीया के दिन अमृत मुहूर्त में सिंदूर दान करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
पंचांग और चौघड़िया के अनुसार जानें शुभ और अशुभ मुहूर्त और विधियां करने का उचित समय।
देर रात लाभ और चर मुहूर्त का संजोग बन रहा है। इस दौरान सिंदूर दान करना शुभ होगा।


  1. जानें पंचांग के अनुसार कैसा रहेगा दिन और रात।
  2. पंचांग के अनुसार शुभ और अशुभ काल।
  3. अभिजीत मुहूर्त दिन के 11:51 मिनट से लेकर 12:45 मिनट तक रहेगा।
  4. चौघड़िया पंचांग से जानें शुभ और अशुभ मुहूर्त दिन का
  5. चौघड़िया के अनुसार रात का शुभ और अशुभ मुहूर्त।

अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा, अस्था और नियम जानें।


रात 12 बजे से लेकर 4:30 बजे भोर तक रहेगा शुभ मुहूर्त


अक्षय तृतीया की रात शुभ मुहूर्त का सिलसिला रात 12 बजे से शुरू होकर 4:30 बजे भोर तक है। इस दौरान सबसे पहले शुभ मुहूर्त इसके बाद अमृत मुहूर्त और अंत में चार मुहूर्त का अद्भुभूत संयोग बन रहा है। इस समय वैवाहिक कार्यक्रम मसलम सिंदूर दान और अग्नि परिक्रमा संपादित करना अक्षय होगा।

अब जानें  चौघड़िया पंचांग के अनुसार रात के समय कौन सा मुहूर्त का आगमन किस समय हो रहा है। सबसे पहले शुभ मुहूर्त रात 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक, अमृत मुहूर्त 1:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक और चर मुहूर्त 3:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक है।
 

 पंचांग के अनुसार कैसा रहेगा दिन और रात


अक्षय तूतिया 14 मई 2021, दिन शुक्रवार को वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि में पड़ रहा है। तृतीया तिथि सुबह 5:30 से शुरू होकर रात भर रहेगा। इस दिन नक्षत्र रोहिणी है। सूर्योदय सुबह 5:31 बजे और सूर्यास्त शाम 7:04 बजे पर होगा। चंद्रोदय शाम 7:06 बजे से और चंद्रमा अस्त रात 9:28 बजे हो जायेगा। इस प्रकार दिन 13 घंटे  30 मिनट का है। जबकि रात 10 घंटा 20 मिनट का होगा।
अक्षय तृतीया के दिन सूर्य मेष राशि में रात 11 बज के 41 मिनट तक रहने के बाद वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। उसी प्रकार चंद्रमा वृषभ राशि में रात 7:14 तक रहेंगे इसके बाद मिथुन राशि में प्रस्थान करेंगे। ऋतु ग्रीष्म है।
अक्षय तृतीया के दिन होमहुति सूर्य, दिशा शूल पश्चिम, राहुवास दक्षिण और पूर्व, अग्निवास आकाश शाम 5:30 तक इसके बाद पाताल में होगा। चंद्रवास दक्षिण दिशा में शाम 7:14 बजे तक इसके बाद पश्चिम में चले जायेंगे।
 

जानें पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त और अशुभ काल


अभिजीत मुहूर्त दिन के 11:51 मिनट से लेकर 12:45 मिनट तक रहेगा


                  शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार विजया मुहूर्त दिन के 2:33 मिनट से लेकर 3:27 मिनट तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 6:51 मिनट से लेकर 7:15 मिनट तक, संध्या मुहूर्त शाम 7:04 मिनट से लेकर 8:07 मिनट तक, निशिता मुहूर्त रात 11:56 मिनट से लेकर 12:30 मिनट तक, ब्रह्म मुहूर्त 4:07 मिनट से लेकर 4:49 मिनट तक और प्रातः संध्या मुहूर्त 4:30 मिनट से लेकर 5:30 मिनट तक है। इस दौरान विवाह का कार्यक्रम संपन्न करना काफी शुभ होगा।

                  अशुभ मुहूर्त

पंचांग के साथ अशुभ काल सुबह 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक, राहू काल के रूप में है। उसी प्रकार गुलिक काल सुबह 7:13 से लेकर 8:54 बजे तक, दुर्महूर्त काल 8:14 मिनट से लेकर 9:08 बजे तक। इसके बाद दिन के 12:45 बजे से लेकर 1:49 तक बजे तक और काल योग दिन के 12:02 बजे से लेकर 1:09 बजे तक रहेगा। इस दौरान शादी विवाह करना वर्जित है।

चौघड़िया पंचांग से जानें शुभ और अशुभ मुहूर्त दिन का


अक्षय तृतीया के दिन चौघड़िया पंचांग के अनुसार सुबह 6:00 बजे से लेकर दिन के 10:30 बजे तक। इसके बाद 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक और अंत में 4:30 बजे से लेकर 6:00 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इस दौरान शादी विवाह की रस्में करना  काफी शुभ होगा। अब विस्तार से जानें शुभ मुहूर्त को।

चर मुहूर्त का आगमन सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:30 बजे तक, लाभ मुहूर्त का आगमन 7:30 बजे से लेकर 9:00 बजे तक और अमृत मुहूर्त का आगमन 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक है। उसी प्रकार शुभ मुहूर्त 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक और चर मुहूर्त 4:30 बजे से लेकर 6:00 बजे तक रहेगा।

अशुभ मुहूर्त दिन


दिन का अशुभ मुहूर्त सुबह 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक काल मुहूर्त के रूप में, 1:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक रोग मुहूर्त के रूप में और 3:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक उद्धेग मुहूर्त के रूप में है। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम करना अशुभ होगा।

चौघड़िया के अनुसार रात का शुभ मुहूर्त


रात का शुभ मुहूर्त 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक लाभ मुहूर्त के रूप में, 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक शुभ मुहूर्त के रूप में 1:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक अमृत मुहूर्त के रूप में और 3:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक चर मुहूर्त के रूप में है। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम करना काफी शुभ और फलदाई होगा।

अशुभ मुहूर्त रात


रात का अशुभ मुहूर्त शाम 6:00 बजे से लेकर 7:30 बजे तक रोग मुहूर्त के रूप में, 7:30 से लेकर 9:00 बजे तक काल मुहूर्त के रूप में, 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक उद्धेग मुहूर्त के रूप में है। एक बार फिर से सुबह 4:30 बजे से लेकर 6:00 बजे तक रोग मुहूर्त का संयोग बन रहा है। इस दौरान शादी विवाह करना अशुभ है।

अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा, अस्था और नियम जानें


अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जी का जन्म हुआ था। इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुई थी। द्वापर युग की समाप्ति भी इसी दिन हुआ था। वृंदावन के बांके बिहारीजी मंदिर में इसी दिन श्रीविग्रह जी के चरणों के दर्शन होते हैं।

 नहीं तो सालोंभर उनके चरण वस्त्र से ढ़के रहते हैं। बद्रीनाथ का कपाट आज ही के दिन खुलते हैं।  अक्षय तृतीया के दिन महाभारत युद्ध की समाप्त हुई थी। इसी दिन महर्षि परशुराम जी का और  ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म हुआ था। इसी दिन हय ग्रीव का अवतार और बद्रीनाथ धाम का कपाट खुलते हैं। 

विवाह के अनबूझ मुहूर्त इसी दिन है।

पौराणिक कथा


पौराणिक कथा के अनुसार किसी राज्य में एक अमीर वैश्य रहता था। अमीर होने के बाद भी वह गरीब था। एक दिन किसी ब्राह्मण ने उसे अक्षय तृतीया व्रत रखने की सलाह दी। वैश्य ने अक्षय तृतीया व्रत रखा गंगा स्नान किया और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा दिया। 

कुछ ही दिनों के बाद इसका व्यापार बढ़ने लगा और वह अमीर बन गया। 
अगले जन्म में वह कुशावती का राजा बना। वह इतना धनी बन गया कि अक्षय तृतीया के दिन त्रीदेव अर्थात ब्रह्मा विष्णु और महेश ब्राह्मण का भेष धारण कर यज्ञ की शोभा बढ़ाते थे।

 अक्षय तृतीया के दिन बिना लग्न, मुहूर्त और गणना के विवाह संपन्न हो सकते हैं। जिसका विवाह किसी कुंडली दोष के कारण नहीं हो रहा है। ऐसे जातक भी इस दिन शादी कर सकते हैं। इस दिन वाहन खरीदना, आभूषण खरीदना, घर और जमीन खरीदना काफी शुभ होता है।

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