मई माह में बंपर लग्न, 20 दिन बजेगी शहनाइयां
मई में 1, 2, 3, 7, 8, 9, 12, 13, 14, 15, 20, 21, 22, 23, 24, 26, 27, 28, 29 और 30 अर्थात 20 दिन।
सिंदूरदान, अग्नि फेरा, मंडप छावन, गुर्थी (आभूषण चढ़ने की विधि), हल्दी लेपन, वधू की विदाई का समय एवं सुहाग की चूड़ी पहने का समय सहित अन्य तरह के विधियों की जानकारी अर्थात मुहूर्त, समय, लग्न, काल, दिशा शूल, एवं आद्रा सहित सभी प्रकार की जानकारियां नीचे दी गई है।
वर्ष 2021 के मई माह में विवाह का लग्न सबसे अधिक है। पूरे मई महीने गली और चौक चौराहों पर शहनाइयां गुंजते रहेंगे। इस भीषण कोरोना वायरस काल में सरकार ने विवाह समारोह में 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है पाबंदी के बाद भी शादियां होगी।हर विधि होंगे। इसलिए लोगों को शुभ मुहूर्त की जरूरत पड़ेगी।
पहले जानें कौन से लग्न तिथि में कौन सा व्रत पड़ रहा है।
- 1 मई को मजदूर दिवस और गुरु तेज बहादुर सिंह की जयंती है।
- 2 मई को कोकिला षष्टि व्रत बांग्ला।
- 7 मई वरुथिनी एकादशी व्रत, बल्लभाचार्य जयंती और अलविदा जुम्मा है।
- 9 मई को प्रदोष व्रत, मास शिवरात्रि व्रत और मातृ दिवस अर्थात मदर डे है।
- 13 मई को चंद्र दर्शन और छत्रपति शिवाजी जयंती है।
- 14 मई को अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और ईद मुबारक है।
- 15 मई को गणेश चतुर्थी व्रत है।
- 20 मई को सीता नवमी और जानकी का जन्म हुआ था।
- 22 मई को मोहिनी एकादशी व्रत गृहस्थ के लिए है।
- 23 मई को मोहिनी एकादशी व्रत वैष्णव के लिए है।
- 24 मई को सोम प्रदोष व्रत है।
- 26 मई को वैशाखी पूर्णिमा और भगवान बुद्ध जयंती है।
- 29 मई को गणेश चतुर्थी व्रत है। हम आपको एक मई की लग्न के संबंध मे सारी जानकारियां देंगे। किस समय शादी का कौन सी विधि करनी है। और कौन सा समय अशुभ और कौन सा समय शुभ है। सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के साथ-साथ दिशा शूल की भी जानकारी देंगे।
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1 मई के शुभ और अशुभ समय की संपूर्ण जानकारी
1 मई, दिन शनिवार, वैशाख माह, कृष्ण पक्ष, पंचमी तिथि शाम 4:43 तक इसके बाद षष्ठी तिथि का शुभारंभ हो जाएगा। सिद्धि योग, मूल नक्षत्र दिन के 10:00 बज के 16 मिनट तक इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। चंद्रोदय रात्रि 11:49 से लेकर चंद्र अस्त 9:11 सुबह।
ऋतु ग्रीष्म, चंद्रमा धनु राशि में और सूर्य मेष राशि में। सूर्योदय 5:40 से और सूर्यास्त शाम 6:56 में होगा। शक संवत 1943, विक्रम संवत 2070, कलि संवत 5123 है। लग्न कन्या राशि है। दिशा शूल, राहु वास और चंद्र वास सभी पूर्व दिशा में होंगे।
पंचांग के अनुसार जानें शुभ और अशुभ समय
अभिजीत मुहूर्त दिन के 11:52 से लेकर 12:45 तक रहेगा।
पंचांग के अनुसार विजया मुहूर्त दोपहर 2:37 से लेकर 3:24 बजे तक, गोधूली मुहूर्त शाम के 6:00 बज के 43 मिनट से लेकर 7:07 तक, सांध्य मुहूर्त शाम 6:56 से लेकर 8:01 तक, मध्य रात्रि की निशिता मुहूर्त रात 11:56 से लेकर रात 12:40 तक, ब्रह्म मुहूर्त अहले सुबह 4:14 से लेकर 4:57 तक, प्रातः कालीन मुहूर्त 4:00 बजे के 35 मिनट से लेकर 5:40 तक रहेगा। इस दौरान सिंदूर दान और अग्नि फ़ेरा सहित विवाह के सभी कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।
अशुभ समय जानें पंचांग के अनुसार
1 मई को राहु काल सुबह 9:00 बजे से शुरू हो कर 10:30 बजे तक रहेगा। उसके बाद यमगण्ड काल दोपहर 1:58 से लेकर 3:37 तक रहेगा
वज्य काल सुबह 8:45 से लेकर 10:16 तक और गुलिक काल शाम 5:40 से लेकर 7:27 तक रहेगा। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम नहीं करना चाहिए।
चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार शादी के शुभ समय
चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार शादी करने का उचित समय सुबह 7:30 बजे से ही शुरू हो जाएगा। शुभ मुहूर्त 7:30 बजे से लेकर 9:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप सुबह का वैवाहिक कार्यक्रम शुरू सकते हैं।
इसके बाद चर मुहूर्त दिन के 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक, लाभ मुहूर्त 1:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक, अमृत मुहूर्त 3:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक और लाभ संध्या का मुहूर्त 6:00 बजे से लेकर 7:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान हो सके तो द्वार पूजन, देवी पूजन, मंड़प छावन, पैर पूजन सहित अन्य शुभ कार्य संपन्न कर सकते हैं।
दिन का अशुभ मुहूर्त चौघड़िया के अनुसार
1 मई को सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:30 बजे तक काल मुहूर्त का संयोग रहेगा। सुबह ही 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक रोग मुहूर्त, 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक उद्धेग मुहूर्त और शाम 4:30 बजे से लेकर 6:00 बजे तक एक बार फिर से काल मुहूर्त का संयोग बन रहा है। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम नहीं करनी चाहिए।
रात का चौघड़िया शुभ मुहूर्त
1 मई को रात 9:00 बजे से लेकर देर रात 1:30 तक शानदार शुभ मुहूर्तों का मेल लगा है। इस दौरान अमृत मुहूर्त, चर मुहूर्त और शुभ मुहूर्त का अद्भुभूत संयोग देखने को मिल रहा है। रात्रि 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक शुभ मुहूर्त, 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक अमृत मुहूर्त, 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक चर मुहूर्त का संयोग बन रहा है।
इस दौरान सारे वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हो जाना चाहिए। अगर कुछ बचा हो तो सुबह 3:30 बजे से लेकर 6:00 बजे तक लाभ मुहूर्त का लाभ उठा सकते हैं।
चौघड़िया के अनुसार अशुभ मुहूर्त रात की
चौघड़िया पंचांग के अनुसार अशुभ मुहूर्त शाम 7:30 बजे से लेकर 9:00 बजे तक उद्धेग मुहूर्त के रूप में विराजमान रहेगा। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम नहीं करना अच्छा रहेगा। उसके बाद रात्रि 1:30 बजे से 3:00 बजे तक रोग मुहूर्त और 3:00 बजे से लेकर 3:30 बजे तक काल मुहूर्त का संयोग है।