सत्तूआन 14 अप्रैल को, लग्न व शुभ कार्य होगा शुरू



जानें किस तिथि को पड़ेगा सत्तूआनी।

सत्तूआनी के दिन अभिजीत मुहूर्त का संयोग नहीं। पंचांग से जानें शुभ और अशुभ समय। सत्तूआन के दिन क्यों खाया जाता है आम ? सत्तू भरा है औषधीय गुणों से, है कैंसर रोधी।
अब जानें चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार शुभ मुहूर्त।
चौघड़िया के अनुसार अशुभ मुहूर्त।
देश के अधिकांश क्षेत्रों में मनाया जाता है मेष संक्रांति।

आस्था, विश्वास, परंपरा, शुभ कार्य शुरू करने और नए फसलों के आगमन का महापर्व सत्तूआन 14 अप्रैल 2021 को धूमधाम से लोग मनायेंगे। चना दाल से बनी सत्तू, नमक, नया गुड़ और आम की चटनी खाने की इस दिन विधान है।

पंचांग के अनुसार इसी दिन से एक माह से चल रहे खरमास की समाप्ति और शुभ कार्यों का शुभारंभ होता है। सत्तूआन के दिन भगवान सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करने के कारण, इस दिन को मेष संक्रांति भी कहते हैं। यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में विभिन्न नामों से जाना जाता है।


देश के अधिकांश क्षेत्रों में मनाया जाता है मेष संक्रांति


मेष संक्रांति अर्थात सत्तूआन को पंजाब में वैशाखी, केरल में विशु, बिहार में सत्तूआनी, उत्तराखंड में बिखोती, पश्चिम बंगाल में पोइला बैशाख, उड़ीसा में पन्ना पुथांदु और मणिपुर में चेइरोबा नाम से जाना जाता है।

 उत्तर बिहार के दरभंगा, सहरसा आदि क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक दिन बाद अर्थात 15 अप्रैल से जुड़ शीतल पर्व का शुभारंभ करते हैं। वैशाख संक्रांति के दिन पितरों को सत्तू, गुड़, नमक और आम का भोग लगाने का विधान है।

 तथा ब्राह्मणों को मिट्टी का घड़ा जल से भरा हुआ, पंखा, छाता, सत्तू, गुड़, नमक, धन और आम आदि वस्तुएं दान करने की परंपरा है।


जाने किस तिथि को पड़ेगा सत्तूआनी


चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि जो 12:45 से शुरू होकर, बुधवार दिनभर रहेगा। 14 अप्रैल को भरनी नक्षत्र, प्रीति योग है। भगवान सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। चंद्रमा भी मेष राशि में रहेगा। ऋतु बसंत है। सूर्य और चंद्रमा दोनों मेष राशि में रहने से अद्भुभूत संयोग बन रहा है।


आज के दिन अभिजीत मुहूर्त का संयोग नहीं है।

पंचांग के अनुसार जाने शुभ समय

14 अप्रैल को दिन के 2:30 से लेकर 3:30 तक विजया मुहूर्त, शाम 6:34 से लेकर 6:57 तक गोधूलि मुहूर्त, सांध्य मुहूर्त 6:45 से लेकर 7:30 तक, निशिता मुहूर्त रात 11:49 से लेकर 12:43 तक, ब्रह्म मुहूर्त 4:26 से लेकर 5:11 तक और अंत में प्रातः मुहूर्त 4:49 से लेकर 5:56 तक रहेगा इस दौरान शुभ कार्य, पूजा-पाठ, दान दक्षिणा और सत्तू खाने का अद्भुभूत संयोग बन रहा है।

पंचांग के अनुसार जाने अशुभ काल


14 अप्रैल को किस समय पूजा-पाठ, दान दक्षिणा और सत्तू खाना वर्जित है। जानें पंचांग के अनुसार काल की गणना। यमगण्ड काल सुबह 7:33 से शुरू होकर 9:09 तक रहेगा। उसी प्रकार गुलिक काल 10:00 बज के 12:22 तक, दुर्मुहूर्त काल 11:56 से लेकर 12:47 तक, राहुकाल 12:00 बजे से लेकर दिन के 1:30 बजे तक रहेगा। सांध्य समय वज्र्य काल शाम 6:58 से लेकर रात 8:45 तक रहेगा।


अब जानें चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार शुभ समय


अब जाने चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार शुभ समय कब है। क्योंकि शुभ समय के अनुसार ही पूजा-पाठ और सत्तू का सेवन किया जाता है। 

14 अप्रैल सत्तूआन के दिन सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:30 तक लाभ मुहूर्त, 7:30 से लेकर सुबह 9:00 बजे तक अमृत मुहूर्त, दिन के 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक शुभ मुहूर्त, 3:00 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक चर मुहूर्त रहेगा। एक बार फिर से लाभ मुहूर्त का संयोग 4:30 से लेकर शाम 6:00 बजे तक रहेगा।

चौघड़िया के अनुसार अशुभ मुहूर्त


14 अप्रैल को सुबह 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक काल मुहूर्त, दिन के 12:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक रोग मुहूर और दोपहर 1:30 से लेकर 3:00 बजे तक उद्वेग मुहूर्त का संजोग रहेगा।

सत्तूआन के दिन क्यों खाया जाता है सत्तू

सत्तूआन के दिन सत्तू खाने का विशेष महत्व क्या है ? जानें वैज्ञानिक और आध्यात्मिक गुण।
  1.  सत्तू की तासीर ठंडी है। इसलिए गर्मी शुरू होने के साथ ही शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। 
  2. सत्तू खाने से शरीर का तापमान नियंत्रण में रहता है। सत्तू एक अनाज है इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। 
  3. सत्तू में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन है। 
  4. लिवर मजबूत बनाता ही है साथ में एसिडिटी की समस्या दूर रखता है। 
  5. गर्मी की तपिश से रक्षा करता है। 
  6. देर तक भूख नहीं लगने देता है। 
  7. लू का खतरा कम करते हुए प्यास जगाए रखता है। 
  8. यह डायबिटीज सहित लो और हाई ब्लड प्रेशर को काबू में रखता है। 
  9. सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास, और आंखों की बीमारी को काबू में रखता है। 

इसीलिए गर्मी शुरू होते ही बिहार, झारखंड, यूपी समेत देश के अन्य राज्य के लोग सत्तू का सेवन करना शुरू कर देते हैं 14 अप्रैल सत्तूआन के दिन से।

आम के औषधीय गुण क्या सब है ?

  1. आम औषधीय गुणों से भरपूर है। 
  2. यह कैंसर रोधी भी है। 
  3. हम जानेंगे कि सत्तूआन से इसका रिश्ता क्या है। 
  4. आम भारत का राष्ट्रीय फल है। 
  5. भारत में इसका एक सौ से ज्यादा प्रजाति मिलते हैं। 
  6. आम से हमलोग अमावट, खटाई, चटनी, पन्ना, अचार, शर्बत, कैंडी सहित बहुत से आइटम बनते हैं। 
  7. आम में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण कैंसर से बचाव करता है। 
  8. इसमें क्यूसेंटिन, एस्ट्रागालिन और फिसेटिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व मौजूद रहते हैं। 
  9. आम खाने से आंखों में चमक बढ़ जाती है। 
  10. आम केलोस्ट्रोल को नियंत्रण में रखता है। 
  11. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  12.  स्मरण शक्ति को बढ़ता है।
  13.  लू लग जाने पर इसे आग में पकाकर शरीर में लेप लगाने से बुखार से राहत मिलती है। 
  14. आम अगर थोड़ा कच्चा है तो विटामिन सी से भरपूर है जबकि पक जाने पर विटामिन ए की मात्रा बढ़ जाती है। 
  15. आम का वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिया है।







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