धर्मशास्त्र के अनुसार जानें कौन-कौन से हैं पांच महा पाप ? इसके निवारण के क्या है उपाय
मनुष्य ना चाहते हुए भी 5 पाप रोजाना कर देता है। ये पाप ऐसी जगहों और ऐसे समय में होता है कि लोगों को अंदेशा भी नहीं रहता है कि उनके कार्य से किसी की हत्या हो गई है।
गृहस्थ के घर में पांच स्थान ऐसे होते हैं जहां प्रतिदिन ना चाहते हुए भी जीव हिंसा होने की संभावना बनी रहती है। पहला चूल्हा, दूसरा चक्की पीसने, तीसरा बहारने, चौथा उखल कुटने और पांचवा जल पात्र रखने में। इन पापों को छुटकारे के लिए 5 तरह के उपाय बताए गए हैं।
आइए विस्तार से जानें कौन से हैं पांच पाप और कैसे होगा निवारण का उपाय।
चूल्हा-हर घर में सुबह और शाम भोजन बनाने के लिए चूल्हा जलती है। पुराने जमाने में तो, घरों में मिट्टी के बने चूल्हे का उपयोग होता था। लोग लकड़ी या गोइठे से भोजन पकाते थे। भोजन पकाने के दौरान गोइठा, लकड़ी और चूल्हे के अंदर कोई जीव रहने से अनजाने में उसकी हत्या हो जाती है।
पहले के जमाने में लोग घरों में रोटी बनाने के उपयोग में आने वाले गेंहू की पिसाई चक्की से करते थे। साथ ही धान की कुटाई ढेकी में होती थी। ऐसी स्थिति में ना चाहते हुए भी हत्या होना संभावित था।
लोग गेहूं को धोकर, सुखाकर और उसे चक्की में पिसते थे। गेहूं के अंदर बैठे कीड़े की भी पिसाई हो जाती है। जिससे उसकी हत्या का दोषी जातक अनजाने में बन जाता है। उसी प्रकार धान कूटते समय ढेकी में कोई ना कोई जीव जंतु की हत्या होने की संभावना बनी रहती है।
इन दोनों कार्य में संपन्न करने में जो हत्या होती है। उसका भी पाप मनुष्य को घेर लेता है। ना चाहते हुए भी जातकों से यह पाप हो जाते हैं। इन पापों से छुटकारा के लिए विभिन्न तरह का धार्मिक उपाय हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है।
जमीन बहारने में मरते हैं, अनजाने जीव
साफ सफाई मानव जीवन का अभिन्न अंग है। हर घर में, हर दफ्तर में, हर धार्मिक स्थलों में और बड़े बड़े भवनों में रोजाना साफ सफाई की जाती है।
इस दौरान न दिखने वाले कीड़े और छोटे-मोटे दिखने वाले कीड़े की मौत हो जाती है। यह अनजाने में एक पाप सफाई करने वाले व्यक्ति के साथ रोजाना होते हैं। ऐसी स्थिति में अंजाने में हुई पाप का छुटकारा पाने का उपाय हमारे धर्म शास्त्र में लिखा हुआ है। बहुत ही सरल विधि से इस पाप से छुटकारा पा सकते हैं।
जल पात्र रखने की जगह पर हुई हिंसा
बहुत से घरों में आज भी घड़े से पानी पीने की परंपरा कायम है। साथ ही हर व्यक्ति नहाते वक्त अनजाने में किसी न किसी कीड़े मकोड़े की हत्या हमारे पैरों से हो जाती है। हम ना चाहते हुए भी पापों के भागीदार बन जाते हैं।
अग्नि जलाते वक्त होने वाली अनचाहे जीव की हत्या भी पाप की श्रेणी में आता है। रोजाना लोग घरों में खाना बनाने से लेकर अन्य कामों के लिए आग जलाते हैं।
महिलाएं रोज खाना बनाती हैं ऐसे समय में संजोग बस कोई ना कोई जीव की हत्या हो जाती है। रोजाना न सही हफ्ते में एक बार खाना बनाते वक्त अनजाने में किसी ने किसी जीव की हत्या होना लाजमी है। लोग इस पर ध्यान भी नहीं देते। अनजाने में पापों की संख्या बढ़ती जाती है। इसके निवारण के लिए भी हमारे धर्म शास्त्र बहुत ही सरल उपाय बताया गया है।
आइए अब जाने इन 5 पापों की मुक्ति का सरल उपाय
इन पांच पापों से मुक्ति के लिए हमारे धर्म शास्त्रों में विस्तार से बताया गया है। हम इन पापों की मुक्ति के लिए ब्रह्म यज्ञ, वेद का पाठ, पुराण का पाठ, धार्मिक ग्रंथों का पाठ, पितृ श्राद्ध तथा तर्पण सहित देवी देवताओं को पूजन एवं हवन करके बच सकते हैं।
इसके अलावा हम अतिथि सत्कार करके अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं। इतना ही नहीं किसी गरीब को अनुदान देकर, भूखे को भोजन कराकर, निवस्त्र को वस्त्र देकर एवं गरीब कन्याओं को शादी करा कर भी इन पापों से मुक्ति पा सकतें हैं। हमारे सामाजिक ताना-बाना की हमें अनजाने मेंं पाप भी करते हैं और अनजाने में पुण्य भी हो जाते हैं।