श्री राम मंदिर का शिलान्यास अभिजीत मुहूर्त और तुला लग्न में होगा

श्री राम की नगरी अयोध्या में 134 साल से विवादित श्री राम मंदिर का भूमि पूजन अभिजीत मुहूर्त और तुला लग्न में होगादेश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी श्री राम मंदिर का शुभारंभ 5 अगस्त को दिन के 12:19 से लेकर 1:09 के बीच के भी अभिजीत मुहूर्त में करेंगे। उस समय लग्न लाभ चार और तुला है। 5 अगस्त को ही विन्ध्याचली भीम चंडी देवी की जयंती है।
अभिजीत मुहूर्त दिन के 12:00 बज के 19 मिनट से लेकर 1:00 बज के 9 मिनट तक 
है।
5 अगस्त को हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष द्वितीय तिथि धनिष्ठा नक्षत्र और शोभन योग है। इस दिन भव्य श्री राम मंदिर का शुभारंभ होगा। तिथि को लेकर हिंदू विद्वानों में मतभेद है, परंतु पंचांग के अनुसार तिथि शुभ है। आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का भी कहना है कि भाद्रपद में मंदिर का निर्माण अशुभ है, परंतु भगवान श्री राम की जहां मंदिर बन रही है वह स्थान भगवान का जन्मस्थली है। इसलिए सभी योग सभी नक्षत्र सभी कारक समान हो जाते हैं। इस दिन सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा कुंभ लग्न में है।

50 मिनट का है शुभ मुहूर्त
5 अगस्त को यमघंट काल सुबह 7:53 से शुरू होकर 9:30 तक रहेगा। उसी प्रकार गुली काल 11:07 से शुरू होकर 12:00 बज के 44 मिनट तक रहेगा। राहुकाल 12:44 से शुरू होकर 14:00 बज के 21 मिनट तक रहेगा। राहु काल के बीच में ही अभिजीत मुहूर्त के आने से शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है। अगर देश के प्रधानमंत्री 12:19 से लेकर 1:09 के बीच मंदिर का आधारशिला रख, पूजा अर्चना करते हैं तो काफी शुभ रहेगा।

तुला लग्न में शिलान्यास काफी शुभ
5 अगस्त को दिन के 11:00 बज के 24 मिनट से लेकर 1:00 बज के 35 मिनट के बीच तुला लग्न है भगवान श्री राम की राशि तुला है। तुला लग्न में भगवान श्री राम के मंदिर का आधारशिला रखना सुखद संयोग ही नहीं एक महान अभिव्यक्ति भी है।

चौघड़िया मुहूर्त भी काफी अच्छा
5 अगस्त को दिन के 11:07 से लेकर 12:44 तक चौघड़िया मुहूर्त के तहत शुभ लग्न रहेगा। इस समय शुभ कार्य करना या निर्माण करना काफी लाभदायक होगा। चौघड़िया मुहूर्त भी धर्म सम्मत और काफी लोकप्रिय हैं। इस प्रकार 12:00 से 1:00 के बीच श्री राम मंदिर का आधारशिला रखना काफी शुभ रहेगा।

134 वर्ष पुराना है विवाद
मुगल शासक बाबर 15 26 ईसवी में भारत आया। 1528 ईसवी तक वह अपना राज्य का विस्तार किया। उसने अपने सेनापति को श्री राम मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनाने का आदेश दिया। उसके सेनापति ने भव्य श्री राम मंदिर का ध्वस्त कर उसी स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर दिया। मस्जिद निर्माण होने के बाद हिंदुओं ने काफी संघर्ष किया और हजारों हिंदू सैनिक मारे गए। 6 दिसंबर 1992 को इस विवादित ढांचा को स्वयं सेवकों ने ध्वस्त कर दिया । इसके बाद मंदिर मस्जिद विवाद हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां न्यायाधीशों ने निर्णय लिया उसी विवादित स्थल पर श्री राम मंदिर का निर्माण होगा।

शंकराचार्य तिथि को लेकर क्यों है नाराज
आदि गुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती ने भूमि पूजन के तय वक्त को अशुभ बताया। उनका कहना है की 5 अगस्त को सूर्य दक्षिणायन में रहेंगे। विष्णु धर्मशास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ में भादो मास में मंदिर का निर्माण निषिद्ध है। उनका कहना है कि चौमास होने के कारण सभी शुभ काम बंद है। ऐसे में श्री राम मंदिर का आधारशिला रखना अशुभ रहेगा।

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