ग्रहों की शांति के लिए भृगु संहिता में विस्तार से बताया गया है। इसके अनुसार लोग अपने घरों में भी स्वयं भी पूजा अर्चना आहुति देकर ग्रहों की शांति कर सकते हैं। जानें विस्तार से कौन से ग्रह के लिए कैसे करें शांति का उपाय।
मनुष्य के जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत ज्यादा रहता है । ग्रहों के प्रभाव से ही मानव का स्वभाव बदलता और बिगड़ता है । मनुष्य के ऊपर ग्रहों का गहरा प्रभाव पड़ता है । कोई मनुष्य अगर किसी खास ग्रह से प्रभावित है ,तो उसका जीवन मुश्किल भरा हो सकता है ।
भृगु संहिता में विस्तार से ग्रहों की शांति के लिए दान देने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसा कहा गया है।
भृगु संहिता के अनुसार कोई ग्राह अशुभ हो तो निम्नलिखित वस्तुओं का दान करके उस ग्रह को शांत किया जा सकता है।
चन्द्रमा-चंद्रमा शीतलता प्रदान करने वाला ग्रह है । देवों के देव महादेव चंद्रमा को धारण किए हुए हैं। चंद्रमा काफी हितकारी है। चंद्र देव की आराधना घर मेंं सुख, शांति और समृद्धि आती है। चंद्रमा को खुश करने के लिए मोती, चांदी , कपूर , श्वेत वस्त्र , चावल से भरी बांंस की पोटली, जल से भरा हुआ घड़ा, गाय और शंख की दान करनी चाहिए।
ग्रहों की शांति के लिए किसी भी जातक को अपने सामर्थ अनुसार दान देकर ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके लिए जातक को सच्चे मन से उस ग्रह की आराधना करनी चाहिए और भृगु संहिता में बताए गए दान की वस्तु को ब्राम्हण या गरीबों को दान करनी थे चाहिए।
कोई भी वस्तु जो उसके समर्थक अनुसार हो उसी का दान करें । दान करने के पहले जातक के मन में ग्रहों के प्रति अपार श्रद्धा दिखनी चाहिए । ग्रह देव जिसे स्वीकार कर उस मनुष्य का कल्याण करते हैं।।
सूर्य-सूर्य ग्रह अगर कुपित है तो उसके प्रभाव से मनुष्य का बल और धन की क्षति होती है । भगवान सूर्य को शांत करने के लिए मनुष्य को सच्चे दिल से भगवान की आराधना करनी चाहिए और रोज सुबह जल अर्पण करने चाहिए। इसके अलावा गरीब ब्राह्मण या किसी मंदिर में माणिक, तांबा, लाल चंदन, लाल वस्त्र गेहूं , गुड, लाल कंबल और गाय दान करनी चाहिए।
मंगल-मंगल मंगलकारी ग्रह है। मंगल ग्रह के खुश रहने से जीवन में सदा खुशी, शांति और समृद्धि बनी रहती है । जातक के मन शांत और विचारशील रहता है । हर तरह की समस्या का सामना करने का बल मिलता है। नवीन कार्य करने की प्रेरणा मिलती है । जीवन में उत्साह और उमंग भरी रहती है। मंगल को खुश करने के लिए लाल रंग का वस्त्र, स्वर्ग, लाल रंग का बैल , मसूर, नया गेहूं तथा कनेर का फूल दान करनी चाहिए।
बुध- बुध ग्रह अगर मानव की कुंडली में ऊंचे घर में है, तो उसके जीवन में मंगलकारी घटनाएं घटती है। बुध को शांत प्रिय ग्रह कहा जाता है। बुध ग्रह को शांत करने केे लिए पन्ना, सोना, नीला वस्त्र, मूंगा और हाथी के दांत दान करनी चाहिए।
गुरु-गुरु बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। गुरु बृहस्पति अगर नीच घर में हैं तो जातक के जीवन में उथल-पुथल और अभाव भरा रहेगा गुरु विद्या, स्त्री, पुत्र पर कृपा करने वाले ग्रह है । इनकी सेवा करने से मनुष्य केे घर में हर तरह की शांति, सुख और समृद्धि आती है। गुरु बृहस्पति को खुश करने के लिए पुखराज, सोना, पीला वस्त्र, हल्दी, पीले रंग का खाद्य पदार्थ, नमक और घोड़ा दान करनी चाहिए।
शुक्र ग्रह यदि खुश है तो पत्नी, पुत्र और वाहन सुख मिलेगा । प्रेम और सौंदर्य का वाहक है शुक्र ग्रह। यदि शुक्र ग्रह कुंडली में सप्तम भाव में हैं और मीन राशि में स्थित है, तो आपका महादशा अदभुत रहेगा । वही अगर शुक्र कन्या राशि में स्थित है तो आपको सामाजिक और आर्थिक हानि होगी। शुक्र ग्रह को खुश करने के लिए हीरा सोना चित्र विचित्र रंग के वस्त्र, चावल, गाय, घी, श्वेत रंग का घोड़ा दान करनी चाहिए।
शनि-शनि देेव अत्यंत क्रोधी देवताओं में गिने जाते हैं। शनि देव के कुल 19 दशा है। साथ में अगर साढ़ेसाती भी लग जाए तो ऐसे मनुष्य को 30 साल तक दुख भोगना पड़ता है। किसी जातक के 1, 4, 5, 7, 9 और दसवें घर में बुध के साथ शनि हो, तो उसके जीवन में सुख, कृति, विद्या, सामाजिक मान-सम्मान तथा धन की प्राप्ति होती है। दूसरी ओर शनि के घर में केतु का प्रभाव हो, तो उस जातक का जीवन नरक जैसा हो जाता है। शनि देव को शांत करने का उपाय नीलम, लोहा, काला तिल, बैल, काला वस्त्र, स्वर्ण, नीले रंग का कंबल, काले रंग की गाय, उड़द तथा भैंस दान करनी चाहिए।
राहु- राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है। राहु केे पास सिर है, दिमाग है, मस्तिक है परन्तु शरीर और दिल नहीं है। राहु के लपेटे में आने पर मानव को दुःख भोगना पड़ता है । अगर राहु शुभ स्थान पर स्थित है, तो जातक को रंक से राजा बना देता है। राहुु को खुश करनेेे के लिए गोमेद, सोना, काला वस्त्र, कंबल, तिल का तेल तथा घोड़ा दान करनी चाहिए।
केतु- केतु सर विहिन ग्रह है। इसका सिर्फ धड़ है। सर कटा हुआ है। यह बहुत ही घातक हैै्। केतु केे महादशा चलनेे पर जातक को अथाह कष्ट झेलना पड़ता है। नौकरी लगता नहीं, छूट जाता है जीविका का साधन भी समाप्त हो जाता है। पूरा जीवन कष्टमय हो जाता है। व्यापार में हानि होती है । चेेचक, हैजा जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। केतु ग्रह को शांत करने के लिए कस्तूरी, सोना, कंबल, तिल का तेल तथा बकरी दान करनी चाहिए।