सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर सटीक टिप्पणी जाने कैसे हुई मौत
सुशांत सिंह राजपूत एक उभरता हुआ शख्सियत था। फिल्मी जगत में जल्द ही नंबर वन पोजीशन पर आने का मादा रखता था। बिहार जैसे पिछड़े राज्य की राजधानी पटना से अपनी फिल्मी करियर शुरू करने वाले सुशांत सिंह राजपूत दिल्ली होते हुए मुंबई पहुंचे। टेलीविजन सीरियल में काम कर अपने जबरदस्त एक्टिंग का इजहार किया। कम समय में ही बिना किसी पहचान के बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना ली। युवा कलाकारों के बीच सुशांत सिंह का अलग ही जलवा था। नये कलाकारों मैं अपने अलग इमेज बना रखा था। उनके हम उम्र के कलाकार उनकी एक्टिंग का लोहा मानने लगे थे। परंतु सीनियर कलाकार सुशांत सिंह को जुनियर ही मानते थे और वह नहीं चाहते थे उनकी सिहासन पर पिछड़े राज्य से आएंगे कलाकार का कब्जा हो जाए। सोशल मीडिया में जोरो से चर्चा है कि एक खास समुदाय का अभिनेता और दबंग निर्माता और निर्देशक मिलकर सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या करने पर विवश किया। लॉकडाउन के दौरान सात फिल्में का अनुबंध खत्म करा देने में उसी लॉबी का हाथ रहा। पुलिस इस दिशा में जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
क्यो डिप्रेशन में गया सुशांत
सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड का उभरता हुआ सितारा था। उसकी गजब की एक्टिंग सीनियर कलाकारों की आंखों में किरकिरी बन रही थी। जनता की आंखों में नहीं, वैसे कलाकारों का जो बॉलीवुड का किंग बनते हैं। बॉलीवुड एक तरह से उनके हाथों में है, जो अपने आप को गॉडफादर मानते हैं। उनका मानना है कि जिसे वह चाहेंगे वही सुपरस्टार बनेगा। अगर कोई कलाकार उनकी बात नहीं मानता है या उनके रास्ते पर नहीं चलता, तो उस कलाकार को चारों ओर से घेर कर उसे डिप्रेशन में भेज देते हैं।
सुशांत सिंह राजपूत की लगातार फिल्में सफल हो रही थी। इसके कारण वैसे कलाकार को खतरा महसूस होने लगा। वे आपने अधिकार बॉलीवुड पर कायम रखना चाहते थे। उन लोगों की घेराबंदी कामयाब हो गई और अंत में सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या करनी पड़ी।
कैसे गया डिप्रेशन में सुशांत
सुशांत सिंह राजपूत एक सफल कलाकार युवा हृदय सम्राट बन चुका था। उसकी फिल्में लगातार सफलता की परचम लहरा रहे थे।पिछले तीन महीने से लॉकडाउन होने के कारण वह घर पर ही रह रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत ने सात फिल्मों में काम करने का अनुबंध किया था। परंतु एकाएक ऐसा हुआ कि सातों फिल्मों से उसे निकाल दिया गया। अब आप ही बताएं ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति डिप्रेशन में जा सकता है कि नहीं। एक छोटा सा उदाहरण, आप देखते हैं अगर आप किसी कंपनी या संस्था में काम करते हैं तो आप देखते हैं एक निकम्मा व्यक्ति भी बॉस का सह होने पर उसे काम नहीं करना पड़ता है । और एक कुशल व्यक्ति को प्रताड़ना झेलना पड़ता है। कारण उसका कोई गॉडफादर उस संस्था में नहीं है । ठीक उसी प्रकार सुशांत सिंह राजपूत के साथ हुआ था। उसका भी बॉलीवुड में कोई गॉडफादर नहीं था। पुराने कलाकार यह नहीं चाहते थे सुशांत सिंह राजपूत एक लंबी छलांग लगाकर उनकी खुशी को हथिया लें।
अकेलापन ने ले ली जान
लॉकडाउन के कारण सुशांत सिंह राजपूत फ्लैट पर अकेले रहने लगे। इस कारण डिप्रेशर का शिकार हो गए। मनोचिकित्सकों का मानना है कि एकांत में डिप्रेशन और गहरा जाता है । एक तो वह अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं कर सकता है। दुखड़ा नहीं सुना सकता है। ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति अपना शरीर को नष्ट कर देना ही उत्तम उपाय मानने लगता हैं। किसी भी कलाकार के जीवन में उतार चढ़ाव आता ही रहता है्। यह बात पढ़ा लिखा सुशांत भी जानता था। जब अपने ऊपर पड़ता है, तो सभी ज्ञान धरा का धरा रह जाता है । एक सफल कलाकार के व्यक्तित्व और उसकी छवि लोगों के बीच सुपर हीरो जैसा दिखता है। ऐसे समय में हाथों से फिल्मों का जाना डिप्रेशन का कारण बना। सुशांत सिंह राजपूत पिछले 6 महीना से डिप्रेशन के दवा खा रहे थे। कुछ लोगों का कहना है इधर के दिनों में दवा खाना बंद कर दिया था। डिप्रेशन इतना गहरा गया कि उन्हें सिर्फ एक ही रास्ता दिखा आत्महत्या का करने का।
परिवार से दूर मौत का कारण
मुंबई के जिस फ्लैट में सुशांत सिंह राजपूत रहते थे, उसमें चार लोग और रहते थे। पिता, बहन सहित कोई भी रिश्तेदार साथ में नहीं रहते थे। ऐसी स्थिति में उनकी परेशानी लोगों को उतनी स्पष्ट रुप से नहीं दिख पाए, जितना उसके परिवार के सदस्य होते हैं तो देख पाते। परिवार के सदस्य उनके मन की स्थिति जरूर पढ़ लेते। और ऐसा होता तों, सुशांत सिंह राजपूत मजबूत इरादों के साथ जीवन के कठिन पथ पर सफलतापूर्वक चलता रहता, और हमारे बीच रहता।